शिक्षा ही वो हथियार है जो किसी भी समय क्रांति ला सकती है:अजय कुमार लल्लू
मेट्रो फ्यूचर न्यूज अनिल कुमार गोरखपुर पीपीगंज कस्बे में आज बृहस्पतिवार के दिन मध्यदेशीय वैश्य सभा के तत्वाधान में कुलगुरु सन्त शिरोमणि भागवान श्री गणिनाथ का जन्मोत्सव का आयोजन वसंत बहार वाटिका पीपीगंज में किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस व दो बार के विधायक रहे अजय कुमार लल्लू रहे, विशिष्ट अतिथि दिनेश कुमार गुप्ता प्रान्तीय अध्यक्ष मद्धेशिया वैश्य समाज, गिरीश चंद गुप्ता प्रान्तीय महामंत्री मद्धेशिया वैश्य समाज रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 सितम्बर दिन बृहस्पतिवार को शन्त शिरोमणि भगवान् गणिनाथ का वार्षिकोत्सव का आयोजन कर मुख्य अतिथि रहे अजय कुमार लल्लू व विशिष्ट अतिथियों का वैश्य समाज के अद्यक्ष गणेश मद्धेशिया व शरद मद्धेशिया व हजारों लोगों ने पीपीगंज के टोल प्लाजा पर लगभग 500 गाड़ियों के काफिले के साथ भव्य स्वागत किया। इस दौरान पूर्व विधायक अजय कुमार लल्लू व विशिष्ट अतिथियों ने मुख्य बाजार मे स्थित भगवान् गणिनाथ के मूर्ति पर माल्यार्पण किया तत्पश्चात वसंत बहार वाटिका में सभी अतिथियों के पहुँचने के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि अजय कुमार लल्लू को पीपीगंज के मध्यदेशीय वैश्य समाज के संरक्षक ई. बेदीलाल गुप्ता ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भगवान् गणिनाथ के हम सब वंशज है और उन्ही के आदर्शो का पालन करते है। समाज मे धर्म के नाम पर पाखंड करने वाले अनुयायियो की संख्या काफी अधिक है इस लिये धर्म को मानिये पाखंड को नही। साथ में कहा कि हमारा समाज कैसे आगे बढे, इसका उत्थान कैसे हो इस पर सभी को एकजुट होकर एक दूसरे का सहयोग करना होगा। साथ में कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जो क्रांति ला सकती है इसलिए वैश्य समाज के लोगों उज्जवल भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा ग्रहण करिये। इसी क्रम मे मुख्य अतिथि व सभासद प्रतिनिधि द्वारा पत्रकारों को भगवान् गणिनाथ का मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में भक्ति नृत्य , मेहंदी कार्यक्रम व मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया।इस दौरान डा. रमलखन, विश्वामित्र, रामानंद मद्धेशिया, ओरीलाल मद्धेशिया,लालचंद मद्धेशिया, युगल किशोर मद्धेशिया,राजकुमार मद्धेशिया,अजय मद्धेशिया,आकाश मद्धेशिया, श्याम बाबू,अंगद मद्धेशिया व अन्य हजारों की तादाद में वैश्य समाज के लोग मौजूद रहे।