मेट्रो फ्यूचर न्यूज़ गोरखपुर महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) के संयुक्त प्रयास से गोरखपुर में शुगर फ्री धान का उत्पादन किया जाएगा। इस संबंध में आज केंद्र में आयोजित एक बैठक में यह जानकारी दी गई।बैठक में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. आर. के. सिंह ने बताया कि केंद्र पर काला नमक धान का बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न दूरी पर धान की रोपाई और सिंचाई पर भी परीक्षण किए जा रहे हैं।इरी वाराणसी के डायरेक्टर डॉ सुधांशु सिंह ने कहा कि भविष्य में किसानों को धान की उन्नतशील,शुगर फ्री और बायो फोर्टीफाइड प्रजातियों की मिनी किट प्रदर्शन के रूप में दी जाएगी। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के सापेक्ष तनाव रोधी धान की प्रजातियों के आकलन हेतु किए जा रहे प्रदर्शन के बारे में भी बताया। सुधांशु सिंह ने बताया ईरी के पास 123000 किस्म की धान की प्रजाति मौजूद है।केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ संदीप प्रकाश उपाध्याय ने काला नमक धान की विभिन्न प्रजातियों के प्राकृतिक खेती द्वारा किए जा रहे परीक्षण के बारे में जानकारी दी। बैठक में डॉ अजय ने कहा कि धान की सीधी बुवाई का प्रदर्शन अच्छा है और यह जलवायु अनुकूल तकनीक है।शुगर फ्री धान का उत्पादन किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। इस नए किस्म के धान से किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, यह धान स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।कृषि विज्ञान केंद्र प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। काला नमक धान की विभिन्न प्रजातियों पर प्राकृतिक खेती के माध्यम से परीक्षण किए जा रहे हैं।इस पहल से गोरखपुर के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और क्षेत्र में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह देश में शुगर फ्री धान के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस अवसर पर केंद्र से गौरव सिंह उन्नतिल किसान उत्पादक संगठन के डायरेक्टर रवि सिंह अरुण श्रीवास्तव अनिल कुमार अरुण रावत दयानंद मुकेश रावत राजू सिंह पत्रकार बंधुओ के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा की गई।
गोरखपुर में होगा शुगर फ्री धान का उत्पादन, किसानों के लिए नई उम्मीद-डॉक्टर सुधांशु सिंह
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