मेट्रो फ्यूचर न्यूज़ लखनऊ 30 जुलाई 2024 को रवींद्रालय लखनऊ में पीस पार्टी की अगुवाई में सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत कई पार्टियों का सम्मेलन हुआ। जिसमें किसान पार्टी, मौलिक अधिकार पार्टी, व फूलन क्रांति पार्टी ने प्रमुख रुप से भाग लिया। बतौर मुख्य अतिथि पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अयूब ने अनुसूचित जाति के मुसलमानों के आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा ब्रिटिश राज में 1936 से शासनकाल के अंत तक अनुसूचित जाति कैटेगरी मेहर धर्म के लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया गया था। आजादी के बाद भारत सरकार ने 10 अगस्त 1950 के Constitutional आर्डर में अनुसूचित जाति की जातियों के आरक्षण को तो आगे बढ़ाया परंतु उस आर्डर में हिंदू शब्द जोड़ दिया जो ब्रिटिश राज में नहीं था। ये कांग्रेस द्वारा मुसलमानों के साथ की गई सबसे बड़ी संवैधानिक नाइंसाफी थी। 1956 में सिख धर्म की अनुसूचित जातियों को तथा 1990 में बौद्ध धर्म की अनुसूचित जातियो को भी अनुसूचित जातियों के रिजर्वेशन में शामिल कर लिया गया। 1994 में मुस्लिम संगठनों द्वारा मुस्लिमों को भी अनुसूचित जाति में शामिल कर रिजर्वेशन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जो अभी तक लंबित है। जस्टिस सच्चर कमेटी का 2006 में तथा जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट 2007 में आई। जिसमें मुस्लिमों के हालात अनुसूचित जाति से भी बदतर बताए गए। जस्टिस मिश्रा ने यह भी कहा की 1950 का कांस्टीट्यूशनल ऑर्डर असंवैधानिक था! मुस्लिमों को तत्काल सरकारी सहायता प्राथमिकता के तौर पर प्रदान करने की सिफारिश की गई। जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमेटी ने सास साफ कहा कि मुस्लिमों की अनुसूचित जातियो को भी अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व वाली भारत सरकार ने कुछ नहीं किया। भाजपा सरकार ने 2023 में .के जी. बालकृष्णन आयोग गठित कर मुसलमानों के अनुसूचित जातियो का मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया है। डॉ0 अयूब ने आगे कहा कि कोई भी पार्टी मुसलमानों के साथ न्याय नहीं करना चाहती। सामाजिक न्याय की बात करने वाली तमाम पार्टियां मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझती हैं। उनके हालात को लेकर उन्हें कोई फिक्र नहीं है। इस अवसर पर बोलते हुए किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बी एल वर्मा ने पिछड़ी जातियों के आरक्षण को आबादी के अनुसार 60% किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि आरक्षण के दायरे को संविदा की नौकरियों व प्राइवेट नौकरियों में विस्तारित किया जाना चाहिए। मौलिक अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी शास्त्री एवं फूलन क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद विन्द ने भी अपने विचार रखें। सभी वक्तावो ने सामाजिक न्याय के विभिन्न विषयों पर जन आंदोलन करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार रहने का आवाहन किया। इस अवसर पर……………………. उपस्थित रहे! कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विजय चन्द पटेल ने किया!
लखनऊ में पीस पार्टी की अगुवाई में सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत कई पार्टियों का सम्मेलन हुआ
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