Saturday, September 14, 2024
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एम्स गोरखपुर और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से कुपोषण मुक्ति का सपना

मेट्रो फ्यूचर न्यूज़ गोरखपुर एम्स और यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संयुक्त प्रयास से इस वर्ष अप्रैल माह में स्टेट रिसर्च सेंटर फॉर न्यूट्रिशन का शुभारंभ किया गया। स्टेट रिसर्च सेंटर फॉर न्यूट्रिशन का शुभारंभ दिनांक 17 अप्रैल 2024 को एम्स के कार्यकारी निदेशक एवं CEO प्रो० डॉ जी.के. पाल की गरिमामायी उपस्थिती में किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा की निश्चित रूप से यह इकाई प्रदेश में स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए सकारात्मक उदाहरण बनेगा और वर्ष 2030 तक सतत विकास के लिए निर्धारित लक्ष्यों विशेषतः कुपोषण के लक्ष्यों को कम करने में केंद्रित है और इसको पूरा करने हेतु बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की रोकथाम और प्रबंधन है, जिसे एम्स गोरखपुर के बाल एवं शिशु रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और कम्यूनिटी मेडिसन विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। गोरखपुर और श्रावस्ती जिलों में इस केंद्र द्वारा एनीमिया और वेस्टिंग पर विशेष कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य और आईसीडीएस विभाग को इन दो मुख्य सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों पर सहायता प्रदान करने के लिए है। केंद्र की मुख्य गतिविधियों में कार्यक्रमों की गहनता में सहायता, फील्ड से प्राप्त सीखों का दस्तावेजीकरण और एम्स के भीतर ही आंतरिक क्षमता को विकसित करना शामिल हैं। एनीमिया पर जिला उदाहरण के रूप में सिस्टम सुदृढ़ीकरण, आपूर्ति श्रृंखला, क्षमतावर्धन, निगरानी प्रणाली, सामुदायिक गतिशीलता, मातृ एनीमिया प्रबंधन, और गुणवत्तापूर्ण सेवा वितरण में सिस्टम और सामाजिक चुनौतियों की गहन समझ विकसित की जाएगी। वेस्टिंग के संदर्भ में 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं में विकास की पहचान और प्रबंधन, समुदाय स्तर पर विकास में रुकावट की पहचान और जन्म के समय से कम वजन वाले शिशुओं के विकास पर समझ विकसित की जाएगी। इस पहल से एनीमिया और वेस्टिंग जैसी समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी। इस पहल में स्टेट रिसर्च सेंटर फॉर न्यूट्रिशन के सहयोग हेतु प्रोग्रेसिव फाउंडेशन का सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है। प्रोग्रेसिव फाउंडेशन की ओर से जिला स्तरीय और विकासखंड स्तरीय टीम प्रोजेक्ट के परिणामों को प्राप्त करने हेतु निरंतर सहयोग करेगी।इसी क्रम में 24 जुलाई 2024 को कार्यक्रम की त्रैमासिक समीक्षा की गई और 25 जुलाई और 26 जुलाई 2024 के मध्य श्रावस्ती और गोरखपुर जिलों में कार्यरत ब्लॉक कॉर्डिनेटर और जिले में पदस्थ कॉर्डिनेटर का आवासीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें मास्टर ट्रेनर्स का दल तैयार किया गया। यह दल अपने-अपने (गोरखपुर और श्रावस्ती) जिलों में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ए०एन०एम को जीवन के प्रथम 1000 दिवस के महत्व, 6 माह से छोटे शिशुओं में ग्रोथ फॉल्टरिंग की रोकथाम और प्रबंधन, समुदाय आधारित सैम बच्चों का प्रबंधन, और मातृ पोषण पर प्रशिक्षित करेगें। प्रशिक्षण में प्रथम दिवस आई०सी०डी०एस विभाग के बाल विकास परियोजना अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल अधीक्षक को भी प्रशिक्षित किया गया।प्रशिक्षण में बाल एवं शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ महिमा मित्तल, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ शिखा सेठ, कम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ हरी शंकर जोशी, यूनीसेफ के पोषण विशेषज्ञ रवि नारायण परही, पोषण अधिकारी डॉ रवीश शर्मा और सुश्री अर्पिता पाल, प्रग्रेसिव फाउंडेशन से अभय त्रिपाठी और आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव भी उपस्थित रहे।

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